भ्रष्टाचार के खिलाफ नेशनल टाइम्स आफ इंडिया न्यूज़ की खबरों से बौखलाये एडीएम प्रशासन,
फर्जी चैनल के बताकर पर कर रहे थे जांच, जब चैनल की सत्यता प्रमाणित हुई तो एडीएम प्रशासन ने अवैध गतिविधियों में शामिल होने का लगाया आरोप,
एक साधारण नागरिक जिले के उच्च पद पर नियुक्त होकर एडीएम प्रशासन से रंगदारी वसूल रहा है, जो सुनने में विचित्र लग सकता है, लेकिन यह आरोप एडीएम प्रशासन मुरादाबाद द्वारा प्रधान संपादक पर लगाया गया है,
नेशनल टाइम्स आफ इंडिया न्यूज़ में निरंतर भ्रष्टाचार के खिलाफ दिखाई जाने वाली खबरों से प्रभावित होकर एडीएम प्रशासन मुरादाबाद द्वारा प्रधान संपादक धर्मेंद्र शर्मा को दबाव में लेने के लिए प्रयास किया जा रहा है, प्रधान संपादक ने एडीएम प्रशासन सुरेंद्र सिंह के भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की मांग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है,
एडीएम प्रशासन द्वारा प्रधान संपादक पर दबाव बनाने के लिये अपने कथित गुंडों और संबंधित रिश्तेदारों से भयभीत करने का प्रयास किया जा रहा है, इसके अलावा नेशनल टाइम्स आफ इंडिया न्यूज़ को फर्जी न्यूज़ चैनल बताकर जांच भी की गयी है, सूचना विभाग से चैनल के संबंध में जानकारी मांगी गई थी, जिसपर सूचना विभाग ने एडीएम के सवालों का उत्तर देते हुए चैनल को पूरी तरह सत्यापित माना है, जिस पर बौखलाकर एडीएम प्रशासन सुरेंद्र सिंह ने प्रधान संपादक को लीगल नोटिस भेजकर रंगदारी वसूलने का आरोप लगाया है,
एडीएम ने प्रधान संपादक पर वसूली के आरोप लगाकर उन्हें वैधानिक नोटिस भेजा है,सोचने योग्य बात यह है कि क्या एडीएम प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे व्यक्ति से एक आम आदमी रंगदारी वसूल कर सकता है,अगर एडीएम इतना लाचार हैं तो वे अपने पद पर रहते हुए आम आदमी की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करेंगे, ऐसे कमजोर एडीएम प्रशासन का कोई अधिकार पद पर रहने के लिए नहीं होना चाहिए, प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस तरह के प्रशासनिक अधिकारी को बाहर निकालने का निर्णय लेना चाहिए,
अभी बौखलाए हुए एडीएम प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की हद देखना बाकी है,
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