एडीएम प्रशासन द्वारा प्रधान संपादक को भेजा गया लीगल नोटिस शक के दायरे में,
एडीएम प्रशासन द्वारा भेजा गया नोटिस लीगल या अनलीगल,
लीगल नोटिस पर जिलाधिकारी की जगह किसके हस्ताक्षर,
लीगल नोटिस में भी एडीएम प्रशासन का फर्जीवाड़ा
नेशनल टाइम्स आफ इंडिया न्यूज़ के प्रधान संपादक धर्मेंद्र शर्मा और मुरादाबाद के एडीएम प्रशासन सुरेंद्र सिंह के भ्रष्टाचार को लेकर चल रही जंग में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं,
इसी बीच एडीएम प्रशासन द्वारा प्रधान संपादक को भिजवाया गये लीगल नोटिस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं,
आपको बताते चलें मुरादाबाद के एडीएम प्रशासन द्वारा किए गए भ्रष्टाचार पर नेशनल टाइम्स आफ इंडिया न्यूज़ बराबर खबरें दिखा रहा है, प्रधान संपादक धर्मेंद्र शर्मा द्वारा भ्रष्टाचार का खुलासा करने पर एडीएम प्रशासन मुरादाबाद प्रधान संपादक को प्रताड़ित कर भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाई जा रही आवाज को दबाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं,
एडीएम प्रशासन ने नेशनल टाइम्स आफ इंडिया न्यूज़ चैनल को फर्जी बता कर पहले जांच की,
जांच मे सूचना विभाग से चैनल को सत्यापित पाये जाने पर बौखलाये एडीएम प्रशासन द्वारा प्रधान संपादक को भेजा गया लीगल नोटिस भी जांच के दायरे में है,
नोटिस में जिलाधिकारी की जगह किसने हस्ताक्षर किए यह सवाल खड़ा होता है,
जिलाधिकारी मुरादाबाद के हस्ताक्षर आप इन पर दस्तावेजों पर लाल घेरे के अंदर देख सकते हैं,
अब हम आपको वह हस्ताक्षर दिखाते हैं जो जिला अधिकारी मुरादाबाद की जगह पर किए गए हैं, निश्चित रूप से यह हस्ताक्षर जिला अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है,
नियमानुसार जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में चार्ज में जो भी अधिकारी होता है,अपने हस्ताक्षर के साथ फार अथवा कृते शब्द का इस्तेमाल करता है,
सवाल यह उठता है कि लीगल नोटिस पर किसके हस्ताक्षर हैं, या फिर लीगल नोटिस पर हस्ताक्षर ही फर्जी है,
आखिर ऐसी कौन सी परिस्थितियां थीं जिसकी वजह से एडीएम प्रशासन को इस नोटिस पर किसी और के या फर्जी हस्ताक्षर करने पड़े, प्रतिदिन काफी समय जिलाधिकारी के साथ रहने वाले एडीएम प्रशासन को दूसरे के हस्ताक्षर या फर्जी हस्ताक्षर की जरूरत क्यों पड़ गई,
एडीएम प्रशासन के क्रियाकलापों से जाहिर होता है कि भ्रष्टाचार की पोल खोलने से घबराए एडीएम प्रधान संपादक धर्मेन्द्र शर्मा के खिलाफ षड्यंत्र करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं,
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